नीति आयोग की बैठक में छत्तीसगढ़ पर विशेष ध्यान PM मोदी ने कहा छत्तीसगढ़ की बात अभी बाकी है

नई दिल्ली। नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक के दौरान एक आत्मीय और प्रेरणादायक क्षण ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। लंच ब्रेक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का हाथ थामते हुए मुस्कराकर कहा, “छत्तीसगढ़ की बात अभी बाकी है।” इस वाक्य में केवल शब्द नहीं, बल्कि राज्य के प्रति प्रधानमंत्री का विशेष स्नेह, विश्वास और सकारात्मक आशा झलक रही थी।

इस भावुक क्षण के साक्षी बने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन भी मुस्कुरा उठे। यह संवाद किसी औपचारिक बैठक का हिस्सा नहीं था, बल्कि छत्तीसगढ़ के विकास को लेकर केंद्र और राज्य के बीच गहराते विश्वास का प्रतीक था।

प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री साय की उस प्रस्तुति की सराहना की, जिसमें उन्होंने ‘आत्मनिर्भर बस्तर’ की परिकल्पना, आदिवासी अंचलों में हो रहे बदलाव, और औद्योगिक निवेश की सफलता की झलक दी थी। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि आज बस्तर संघर्ष नहीं, संभावना का प्रतीक बन चुका है—जहाँ कभी हिंसा और भय था, वहां अब तकनीक, स्टार्टअप और रोजगार की नई दुनिया बस रही है।

उन्होंने नवा रायपुर में देश की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट और एआई डेटा सेंटर की स्थापना से लेकर लिथियम ब्लॉक की नीलामी तक की पहलें गिनाईं। प्रधानमंत्री ने इन पहलों को “भविष्य के भारत की दिशा तय करने वाली” कहकर सराहा।

बैठक में जहां विभिन्न राज्यों ने अपने विकास मॉडल प्रस्तुत किए, वहीं छत्तीसगढ़ की प्रस्तुति प्रधानमंत्री की विशेष रुचि और प्रशंसा का केंद्र बनी। यह साफ संकेत है कि छत्तीसगढ़ अब सिर्फ उभरता हुआ राज्य नहीं, बल्कि भारत के समग्र विकास की दिशा में एक निर्णायक भूमिका निभा रहा है।

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